सच कहने से यार ख़फ़ा हो जाते हैं
दिल के सब अरमान हवा हो जाते हैं,
हद से ज़ियादा इज़्ज़त देने पर देखो
ऐसे वैसे लोग ख़ुदा हो जाते हैं,
मेरी तरह जीने से ही इस दुनिया में
जीने के हक़ सारे अदा हो जाते हैं,
तुम जैसे तो सोचते रहते हैं बुज़दिल
हम हक़ पे एक पल में फ़ना हो जाते हैं,
दिल पर खा के ज़ख़्म मोहब्बत के यारो
हम ग़म के मारों की दवा हो जाते हैं..!!
~इरशाद अज़ीज़