परिंदों के चोंच भर लेने से…

परिंदों के चोंच भर लेने से
कभी सागर सूखा नहीं करते,

हवाओं के रुख सूखे पत्तो से
अपना रास्ता पूछा नहीं करते,

गुमान है जिन्हें कि वो बुझा देंगे
फूकों से हमें, कोई बता दे उन्हें,

कि ख़ुद के ख़ूँ से जलने वाले
चिराग़ यूँ ही बुझा नहीं करते..!!

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