ख़ाली हाथ ही जाना है क्या खोना क्या पाना है
ख़ाली हाथ ही जाना है क्या खोना क्या पाना है चाहे जितने नाते जोड़ें एक …
ख़ाली हाथ ही जाना है क्या खोना क्या पाना है चाहे जितने नाते जोड़ें एक …
ज़िन्दगी भर अज़ाब सहने को दिल मिला है उदास रहने को, एक चुप के हज़ारहा …
अदाएँ हश्र जगाएँ वो इतना दिलकश है ख्याल हर्फ़ न पाएँ वो इतना दिलकश है, …
ये जो दीवाने से दो चार नज़र आते है उनमे कुछ साहिब ए असरार नज़र …
लाख रहे शहरों में फिर भी अन्दर से देहाती थे दिल के अच्छे लोग थे …
कौन मुन्सफ़, कहाँ इंसाफ़, किधर का दस्तूर अब ये मिज़ान सजावट के सिवा कुछ भी …
अपनी ख़ुद्दारी तो पामाल नहीं कर सकते उस का नंबर है मगर काल नहीं कर …
होशियारी ये दिल ए नादान बहुत करता है रंज कम सहता है पर ऐलान बहुत …