मुझपे हैं सैकड़ों इल्ज़ाम मेंरे साथ न चल
मुझपे हैं सैकड़ों इल्ज़ाम मेंरे साथ न चल तू भी हो जाएगा बदनाम मेंरे साथ …
मुझपे हैं सैकड़ों इल्ज़ाम मेंरे साथ न चल तू भी हो जाएगा बदनाम मेंरे साथ …
परों को खोल ज़माना उड़ान देखता है ज़मीं पे बैठ के क्या आसमान देखता है, …
इश्क़ से जाम से बरसात से डर लगता है यार तुम क्या हो कि हर …
सभी कहें मेरे ग़मख़्वार के अलावा भी कोई तो बात करूँ यार के अलावा भी, …
वो दुश्मन ए जाँ जान से प्यारा भी कभी था अब किस से कहें कोई …
ये जो नंग थे ये जो नाम थे मुझे खा गए ये ख़याल ए पुख़्ता …
पाबंदियों से अपनी निकलते वो पा न थे सब रास्ते खुले थे मगर हम पे …
इस नाज़ इस अंदाज़ से तुम हाए चलो हो रोज़ एक ग़ज़ल हमसे कहलवाए चलो …
मुग़ालता है उरूज ओ ज़वाल थोड़ी है हमारी आँख के शीशे में बाल थोड़ी है, …
दिल ए नादान की बात थी और कुछ नहीं मुहब्बत स्याह रात थी और कुछ …