आओ बाँट ले सब दर्द ओ अलम…
आओ बाँट ले सब दर्द ओ अलम कुछ तुम रख लो, कुछ हम रख ले अब पोंछ ले …
आओ बाँट ले सब दर्द ओ अलम कुछ तुम रख लो, कुछ हम रख ले अब पोंछ ले …
वो मेरे हाल पे रोया भी मुस्कुराया भी अजीब शख़्स है अपना भी है पराया भी, ये इंतिज़ार …
ये क़र्ज़ तो मेरा है चुकाएगा कोई और दुख मुझ को है और नीर बहाएगा कोई और, क्या …
मेरे लोग ख़ेमा ए सब्र में मेरा शहर गर्द ए मलाल में अभी कितना वक़्त है ऐ ख़ुदा …
दोस्त क्या ख़ूब वफ़ा का सिला देते है हर नये मोड़ पर एक ज़ख्म नया देते है, तुमसे …
निहत्थे आदमी के हाथ में हिम्मत ही काफी है हवा का रुख बदलने के लिए चाहत ही काफी …
हो मुबारक़ तुम्हे तुम्हारी उड़ान पिंजरे में अता हुए है तुम्हे दो जहाँ पिंजरे में, है सैरगाह भी …
फ़साना अब कोई अंजाम पाना चाहता है तअल्लुक़ टूटने को एक बहाना चाहता है, जहाँ एक शख़्स भी …
बारिश के क़तरे के दुख से ना वाक़िफ़ हो तुम हँसते चेहरे के दुख से ना वाक़िफ़ हो, …
रूठे हुए लोगो को मनाना नहीं आता सज़दे के सिवा सर को झुकाना नहीं आता, पत्थर तो चलाना …