दुनिया ए तसव्वुर हम आबाद नहीं करते

दुनिया ए तसव्वुर हम आबाद नहीं करते
याद आते हो तुम ख़ुद ही हम याद नहीं करते,

वो जौर ए मुसलसल से बाज़ आ तो गए लेकिन
बेदाद ये क्या कम है बेदाद नहीं करते,

साहिल के तमाशाई हर डूबने वाले पर
अफ़सोस तो करते हैं इमदाद नहीं करते,

कुछ दर्द की शिद्दत है कुछ पास ए मोहब्बत है
हम आह तो करते हैं फ़रियाद नहीं करते,

सहरा से बहारों को ले आए चमन वाले
और अपने गुलिस्ताँ को आबाद नहीं करते..!!

~फ़ना निज़ामी कानपुरी

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