झूठी हँसी तेरा मुस्कुराना झूठा
यार तेरा तो हर एक बहाना झूठा,
कैसे ऐतबार करूँ फिर से तुझ पे
तेरी दोस्ती झूठी तेरी याराना झूठा,
तुझको क्या फ़र्क कोई जिये या मरे
तेरा फ़िक्र ए फ़ाका यानि बेमानी झूठा,
तेरा क्या ता’अल्लुक़ गम ए तन्हाई से
तेरा पल पल अफ़सुर्दा बताना झूठा
हमारी बर्बादी का रंज़ और तू करे
झूठे अश्क तेरे मातम मनाना झूठा..!!