हम एक ख़ुदा के बन्दे है और एक जहाँ में बसते है

हम एक ख़ुदा के बन्दे है
और एक जहाँ में बसते है,

रब भी जब चाहे हम साथ रहे
फिर क्यों आपस में लड़ते है ?

नफ़रत न हो किसी भी मज़हब से
हो प्यार हमें बेहद सबसे,

न दिल से किसी का सोंचे बुरा
ना बोले बुरा हम अपने लब से,

नफ़रत न हो दुनियाँ वालो से
ना गोरो से ना कालो से,

ना उनसे जो दुनियाँ छोड़ चले
और ना अब आने वालो से,

नफ़रत न हो किसी ज़ुबानो से
किसी कौम के भी इंसानों से,

उड़ते पंछी परवानो से
ना धरती के सभी हैवानो से,

हम सबसे मुहब्बत करते रहे
बस अर्ज़ ये हम सबसे करते रहे,

सारी दुनियाँ से तुम प्यार करो
ना ज़ुल्म ओ सितम किसी पे यार करो

हम एक ख़ुदा के बन्दे है
और एक जहाँ में बसते है,

रब भी जब चाहे हम साथ रहे
फिर क्यों आपस में लड़ते है ?

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