गुलाब आँखें शराब आँखें
यही तो हैं ला जवाब आँखें,
इन्हीं में उल्फ़त इन्हीं में नफ़रत
सवाल आँखें जवाब आँखें,
कभी नज़र में बला की शोख़ी
कभी सरापा हिजाब आँखें,
कभी छुपाती हैं हाल दिल के
कभी हैं दिल की किताब आँखें,
किसी ने देखीं तो झील जैसी
किसी ने पाईं शराब आँखें,
वो आए तो लोग मुझ से बोले
हुज़ूर आँखें जनाब आँखें..!!
~अज्ञात
सहर क़रीब है तारों का हाल क्या होगा
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