दूर कर देगा कभी साथ नहीं होने देगा
ये वक़्त बेदर्द मुलाक़ात नहीं होने देगा,
गम की वो आँख में सौगात लिए फिरता है
दर्द की कोई भी बरसात नहीं होने देगा,
उसने सीखा है कोई कता क़लामी का हुनर
इस लिए ढंग से कभी बात नहीं होने देगा,
तूने सौंपी है जिसे एक अँधेरी नगरी
वो तेरे दिन को कभी रात नहीं होने देगा,
तुमको मालूम है फ़ितरत है मगर ख़ुश गोई
अपने लहजे को कभी धात नहीं होने देगा,
हमने सोचा था कि आसान रहेगी मंज़िल
पर हरीफ़ ऐसा है बदज़ात नहीं होने देगा,
दिल अज़ीब चीज है ये ख़ुद तो रहे शिकवा कुनाँ
मैं करूँ तुम से शिकायत नहीं होने देगा,
साँप की तरह मेरा भाग बदलता है खाल
तेरे हाथों में मगर मेरा हाथ नहीं होने देगा,
जिसकी बेटी की कभी लूट गई हो हसरत
ख़ाली लुटे कोई बारात नहीं होने देगा..!!