दर्द कई होते है दिल में छुपाने के लिए

दर्द कई होते है दिल में छुपाने के लिए
सब के सब आँसू नहीं होते दिखाने के लिए,

उम्र तन्हा काट दी वादा निभाने के लिए
अहद बाँधा था किसी ने आज़माने के लिए,

कुछ दीये दीवार पर रखे हैं वक़्त ए इंतज़ार
कुछ दीये लाया हूँ पलकों पे सज़ाने के लिए,

लोग ज़ेर ए खाक़ भी तो डूब ही जाते है
एक समन्दर ही नहीं है डूब जाने के लिए,

वो बज़ाहिर मिला तो था एक लम्हे को मगर
उम्र सारी चाहिए उसको भुलाने के लिए,

कोई गम हो, कोई दुःख हो या कि दर्द हो
मुस्कुराना पड़ ही जाता है ज़माने के लिए..!!

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