सिखाया जो सबक़ माँ ने वो हर पल निभाता हूँ…
सिखाया जो सबक़ माँ ने वो हर पल निभाता हूँ मुसीबत लाख आये सब्र दिल को सिखाता हूँ, …
सिखाया जो सबक़ माँ ने वो हर पल निभाता हूँ मुसीबत लाख आये सब्र दिल को सिखाता हूँ, …
खुल के मिलने का सलीक़ा उन्हें आता नहीं और मेरे क़रीब तो कोई चोर दरवाज़ा नहीं, वो समझते …
अशआर मेरे यूँ तो ज़माने के लिए हैं कुछ शेर फकत उनको सुनाने के लिए हैं, अब ये …
कोई चेहरा न हुआ रोशन न उजागर आँखें आइना देख रही थीं मेरी पत्थर आँखें, ले उड़ी वक्त …
इस तरह सताया है परेशान किया है गोया कि मोहब्बत नहीं एहसान किया है, तुझको ही नहीं मुझ …
न शब ओ रोज़ ही बदले है न हाल अच्छा है किस ब्राह्मण ने कहा था कि ये …
सब जल गया जलते हुए ख़्वाबों के असर से उठता है धुआँ दिल से निगाहों से जिगर से, …
एक दिन मुल्क के हर घर में उजाला होगा हर शख्स यहाँ सबका भला चाहने वाला होगा, इंसानों …
लोग कैसे है यहाँ के ? ये नगर कैसा है ? उनकी जादू भरी बातों में असर कैसा …
गुज़रे जो अपने यारों की सोहबत में चार दिन ऐसा लगा बसर हुए जन्नत में चार दिन, उम्र …