इस तरह सताया है परेशान किया है
गोया कि मोहब्बत नहीं एहसान किया है,
तुझको ही नहीं मुझ को भी हैरान किया है
इस दिल ने बड़ा हम को परेशान किया है,
सोचा था कि तुम दूसरों जैसे नहीं होगे
तुम ने भी वही काम मेरी जान किया है,
हर रोज़ सजाते हैं तेरी याद के ग़ुंचे
आँखों को तिरे हिज्र में गुलदान किया है,
मुश्किल था बहुत मेरे लिए तर्क ए तअल्लुक़
ये काम भी तुम ने मेरा आसान किया है,
ये दिल का नगर ऐसे तो वीरान था कब से
ला रैब इसे आप ने सुनसान किया है,
ये इज़्ज़त ओ नामूस सभी उस की अता है
वो जिस ने गड़रिए को भी सुल्तान किया है,
~अफ़ज़ाल फ़िरदौस