बारहा तुझ से कहा था मुझे अपना न बना

बारहा तुझ से कहा था मुझे अपना न बना
अब मुझे छोड़ के दुनिया में तमाशा न बना,

एक यही गम मेरे मरने के लिए काफी है
जैसा तू चाहता था मुझको मैं वैसा न बना,

एक और बात पते की मैं बताऊँ तुझको
आख़िरत बनती चली जाएगी, दुनिया न बना,

ये ख़ुदा बन के रियायत नहीं करते हैं यारो
हुस्न वालों को कभी किब्ला ओ क़ाबा न बना..!!

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