महफिले लूट गई जज़्बात ने दम तोड़ दिया
साज़ ख़ामोश है नगमात ने दम तोड़ दिया,
अनगिनत महफिले महरूम ए चिरागाँ है अभी
कौन कहता है कि ज़ुल्मात ने दम तोड़ दिया,
आज फिर बुझ गए जल जल के उम्मीदों के चिराग़
आज फिर तारो भरी रात ने दम तोड़ दिया,
महफिले लूट गई जज़्बात ने दम तोड़ दिया
साज़ ख़ामोश है नगमात ने दम तोड़ दिया,
अनगिनत महफिले महरूम ए चिरागाँ है अभी
कौन कहता है कि ज़ुल्मात ने दम तोड़ दिया,
आज फिर बुझ गए जल जल के उम्मीदों के चिराग़
आज फिर तारो भरी रात ने दम तोड़ दिया,