तू मेरी रूह का हिस्सा है, तू ही जान मेरी
जब भी सोचा कभी अपना तो हमारा सोचा क्या मिला और हुआ कितना ख़सारा सोचा ?बाद मुद्दत के यही क़िस्सा दोबारा सोचा, रात भर देर …
जब भी सोचा कभी अपना तो हमारा सोचा क्या मिला और हुआ कितना ख़सारा सोचा ?बाद मुद्दत के यही क़िस्सा दोबारा सोचा, रात भर देर …
तुझे इस क़दर है शिकायतेंकभी सुन ले मेरी हिकायते, तुझे गर न कोई मलाल होमैं भी एक तुझसे गिला करूँ ? तू नमाज़ ए इश्क़ …
ख़रीद कर जो परिंदे उड़ाए जाते हैंहमारे शहर में कसरत से पाए जाते है, मैं देख आया हूँ एक ऐसा कारखाना जहाँचिराग़ तोड़ के सूरज …
मिल के तुमको छोड़ दे कोई मज़ाक थोड़ी है हम दोनों जो मिले हैये इत्तेफ़ाक थोड़ी है, मिल के तुमको छोड़ देकोई मज़ाक थोड़ी है, …
कही दिल लगाने की कोशिश न करना मुहब्बत की झूठी अदाओं पे साहबजवानी लुटाने की कोशिश न करना, बड़े बेमुरौत होते है ये हुस्न वालेकही …
कोई भी शख्स मगर मेरा गमगुसार न था किसी की आँखों में ऐसा कभी ख़ुमार न थाकि जिसका सारे जहाँ में कोई उतार न था, …
मुसाफ़िर भी सफ़र में इम्तिहाँ देने से डरते हैंमोहब्बत क्या करेंगे वो जो जाँ देने से डरते हैं तेरी यादों के मौसम भी तुझे रुस्वा …
मंज़िल पे न पहुँचे उसे रस्ता नहीं कहतेदो चार क़दम चलने को चलना नहीं कहते इक हम हैं कि ग़ैरों को भी कह देते हैं …
मुझे गुमनाम रहने काकुछ ऐसा शौक है हमदमकिसी बेनाम सहरा मेंभटकती रूह हो जैसे, जहाँ साये तरसते होकिसी पैकर की आहट कोजहाँ ज़िन्दा ना हो …
जैसे कोयल की खूबसूरती उसके आवाज़ में हैवैसे ही एक औरत की खूबसूरती उसका अपनेपरिवार के प्रति समर्पण में है,एक बदसूरतइन्सान की खूबसूरती उसके लहज़े …