मेरी हो के भी तुम मेरी नहीं….

Bazme_Lonely3

मेरी हो के भी तुम मेरी नहींगिला तो नहीं पर ये मलाल है, अगरचे मेरे पास तुम नहीं

जिनकी सूरत पे तुम्हारा सारा शहर मरता है…

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ये जो बात बात में उन हसीन आँखों की बात करते होवो उन आँखों में हमारा अक्स रखते

ताअज्ज़ुब है अँधे आईना दिखा रहे है…

Bazme_ishara

मुझ में है खामियाँ मुज़रिम बता रहे हैताअज्ज़ुब है अँधे आईना दिखा रहे है, ज़ुल्म तो ये है

तू कर ले नज़र अंदाज़ अभी अपने अंदाज़ में

Bazme_waiting

तू कर ले नज़र अंदाज़ अभी अपने अंदाज़ मेंहम हँसते हुए तेरे ज़ुल्म ओ सितम सह जाएँगे, मगर

जब मुझको सब क़ुबूल था, तुम क्यों चले गए ?

ek bhatke hue lashkar ke siwa kuch bhi nahi

ये भी कोई उसूल था ? तुम क्यों चले गए ?जब मुझको सब क़ुबूल था, तुम क्यों चले

हसीन रुत में…उदास क्यों हो ?

Love_Bazme2

हसीन रुत में गुलाब चेहरोंमुझे बताओ उदास क्यों हो ? दिलो पे बीती हुई कहानीमुझे सुनाओ उदास क्यों

सवाल है कि उसको ऐतबार क्यों नहीं रहा ?

Bazme_thinking

सवाल ये नहीं कि वो पुकार क्यों नहीं रहासवाल है कि उसको ऐतबार क्यों नहीं रहा ? ये

शायद समझ ही न पाए ज़माना मुहब्बत..

Bazme_haqiqat

हकीक़त है या फ़साना मुहब्बतपतंगे का ख़ुद को जलाना मुहब्बत जो तारीफ़ ए फ़रहाद शिरीन से पूछेतो बोली

जवाब उसका नहीं है कोई लाज़वाब है वो

Bazme_beauti

ग़ज़ल का हुस्न और गीत का शबाब है वोनशा है जिसमे सुखन का वही शराब है वो उसे

ऐसा कोई लम्हा होता जिसमे तन्हा होते हम !

Bazme_Love1

ऐसा कोई लम्हा होता जिसमे तन्हा होते हमचुपके चुपके करते बातें यूँ न रुसवा होते हम, पूरा हर