सोचा कि ख़ुद पे ज़रा सी इनायत कर लूँ..

Bazme_ishara

सोचा कि ख़ुद पे ज़रा सी इनायत कर लूँऐ ज़िन्दगी तुझसे वो पहली सी मुहब्बत कर लूँ, सुनाऊँ

मैं सोचो के किस गुमाँ में था….

Bazme_Guman

मैं सोचो के किस गुमाँ में थामैं किसी दूसरे जहान में था, रहने वाले आबाद हो न सकेकोई

सब्ज़ गुम्बद से सदा आती है…

Bazme_sabzegumbad

सब्ज़ गुम्बद से सदा आती हैमुझको वो ताज़ा हवा आती है, चाँद भी तब ही चमक उठता हैजब

एक चिड़ियाँ ने आज ये सवाल किया..

Bazme_Parinde

बैठ कर पास मेरे एक चिड़ियाँ ने आज ये सवाल कियाहम तो ठहरे परिंदे, इन्सान ने इन्सान का

मेरे मुल्क की तो बिल्कुल खाम है सियासत…

Bazme_siyasat

ये जो आवाम में फ़िक्र ए आम है सियासतमेरे मुल्क की तो बिल्कुल खाम है सियासत, नफ़रत का

इन्सान भूल चुका है इन्सान की क़ीमत…

Bazme_muflisi1

इन्सान भूल चुका है इन्सान की क़ीमतबाज़ार में बढ़ गई आज हैवान की क़ीमत, इक्तिदार में आते है

तन्हाइयो में अश्क बहाने से क्या मिला…

तन्हाइयो में अश्क बहाने

तन्हाइयो में अश्क बहाने से क्या मिलाख़ुद को दीया बना के जलाने से क्या मिला ? मुझसे बिछड़

मैंने तुम्हे कितना सोचा ज़रीन कभी सोचा तुमने..

Bazme_khyal

इश्क़ सहरा है कि दरियाँ कभी सोचा तुमनेतुझसे क्या है मेरा नाता कभी सोचा तुमने ? हाँ मैं

हम शज़र से नहीं साये से वफ़ा करते है…

Bazme_Parinde

हम शज़र से नहीं साये से वफ़ा करते हैयही है वजह कि हम लोग दगा करते है, हम

वो दौर और था वो महबूबा और थी…

Bazme_Lonely3

वो दौर और था वो महबूबा और थीजिनके आशिको को इश्क़ में मुक़ाम मिला है ये दौर और