ये कहना आसान नहीं है

ये कहना आसान नहीं है
दिल में कोई अरमान है,

हिम्मत की तो पाई मंज़िल
दुनिया का एहसान नहीं है,

लाख तसल्ली दी है तुम ने
लेकिन इत्मीनान नहीं है,

हाए मोहब्बत की मजबूरी
रोना भी आसान नहीं है,

छोड़ तो दूँ मैं उन का दामन
लेकिन अब इम्कान नहीं है,

पोंछ के तुम दामन से तो देखो
आँसू हैं तूफ़ान नहीं है,

तर्क ए मोहब्बत तौबा तौबा
ये मेरा ईमान नहीं है,

ख़ास तजल्ली ढूँड रहा हूँ
किरनों की पहचान नहीं है,

शौक़ समझते हो जितना तुम
इतना वो नादान नहीं है..!!

~विशनू कुमार शौक

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