याद करते हो मुझे सूरज निकल जाने के बाद
एक सितारे ने ये पूछा रात ढल जाने के बाद,
मैं ज़मीं पर हूँ तो फिर क्यूँ देखता हूँ आसमाँ ?
ये ख़याल आया मुझे अक्सर फिसल जाने के बाद,
दोस्तों के साथ चलने में भी ख़तरे हैं हज़ार
भूल जाता हूँ हमेशा मैं सँभल जाने के बाद,
अब ज़रा सा फ़ासला रख कर जलाता हूँ चराग़
तजरबा ये हाथ आया हाथ जल जाने के बाद,
वहशत ए दिल को है सहरा से बड़ी निस्बत अजीब
कोई घर लौटा नहीं घर से निकल जाने के बाद..!!
~आलम ख़ुर्शीद