उदास दिल है कि उनकी नज़र नहीं होती
बग़ैर शम्स के ताब ए क़मर नहीं होती,
कुछ ऐसे लोग भी दुनिया में हम ने देखे हैं
समा भी जाते हैं दिल में ख़बर नहीं होती,
उठो तो दस्त ब साग़र चलो तो शीशा ब दोश
ये मयकदा है यहाँ यूँ गुज़र नहीं होती,
कभी कभी मुझे उन का ख़याल आता है
कभी कभी मुझे अपनी ख़बर नहीं होती,
शब ए हयात है साग़र में डूब जा ऐ दिल
ये ऐसी रात है जिस की सहर नहीं होती..!!