सुनी है चाप बहुत वक़्त के गुज़रने की
सुनी है चाप बहुत वक़्त के गुज़रने की मगर ये ज़ख़्म कि हसरत है जिसके …
सुनी है चाप बहुत वक़्त के गुज़रने की मगर ये ज़ख़्म कि हसरत है जिसके …
भीड़ में कोई शनासा भी नहीं छोड़ती है ज़िंदगी मुझको अकेला भी नहीं छोड़ती है, …
हाए लोगों की करम फ़रमाइयाँ तोहमतें बदनामियाँ रुस्वाइयाँ, ज़िंदगी शायद इसी का नाम है दूरियाँ, …
फूल,खुशबू, कली की बात करें प्यार की, आशिकी की बात करें मौत का खौफ़ भूल …
फ़िराक़ ओ वस्ल से हट कर कोई रिश्ता हमारा हो बग़ैर उस के भी शायद …
कर्ब ए फ़ुर्क़त रूह से जाता नहीं हल कोई ग़म का नज़र आता नहीं, काश …
बहुत कुछ मेहनतों से एक ज़रा इज़्ज़त कमाई है अंधेरे झोंपड़े में रौशनी जुगनू से …
बेकार जब दुआ है दवा क्या करेगी आज ऐसे में ज़िंदगी भी वफ़ा क्या करेगी …
बेवजह कहीं आना जाना क्या बिन बात के मुस्कुराना क्या हर शख्स दानिशमंद मिलेगा यहाँ …