ये है तो सब के लिए हो ये ज़िद्द हमारी है
ये है तो सब के लिए हो ये ज़िद्द हमारी है इस एक बात पे …
ये है तो सब के लिए हो ये ज़िद्द हमारी है इस एक बात पे …
मैं कैसे जियूँ गर ये दुनिया हर आन नई तस्वीर न हो ये आते जाते …
बज़ाहिर प्यार की दुनियाँ में जो नाकाम होता है कोई रूसो कोई हिटलर कोई खय्याम …
ये जो पल है ये पिछले पल से भी भारी है हमसे पूछो हमने ज़िन्दगी …
जिसे हो ख्वाहिश ए दुनियाँ उसे संसार मिल जाए मुझे तो फक़त तुम और तुम्हारा …
दुनियाँ बदल गई है, ज़माना बदल गया है यहाँ जीने का अंदाज़ पुराना बदल गया …
किस सिम्त चल पड़ी है खुदाई ऐ मेरे ख़ुदा नफ़रत ही दे रही है दिखाई …
उदास दिल है कि उनकी नज़र नहीं होती बग़ैर शम्स के ताब ए क़मर नहीं …
वो इंसाँ जो शिकार ए गर्दिश ए अय्याम होता है भला करता है दुनिया का …