एक लफ़्ज़ ए मोहब्बत का अदना ये फ़साना है…
एक लफ़्ज़ ए मोहब्बत का अदना ये फ़साना है सिमटे तो दिल ए आशिक़ फैले …
एक लफ़्ज़ ए मोहब्बत का अदना ये फ़साना है सिमटे तो दिल ए आशिक़ फैले …
अल्लाह अगर तौफ़ीक़ न दे इन्सान के बस का काम नहीं फ़ैज़ान ए मोहब्बत आम …
पास आओ कि एक इल्तज़ा सुन लो हाँ प्यार है तुमसे बेपनाह सुन लो, एक …
मालूम है इस दुनियाँ में मशहूर नहीं है ये गाँव तेरे दिल से तो अब …
शाम तक सुबह की नज़रों से उतर जाते है इतने समझौतों पे जीते है कि …
ख़्वाब के जज़ीरो पर एक दीया जलाना था और फिर हवाओं को रास्ता बताना था, …
अभी तो चाँद निकला है, अभी तो रात बाक़ी है दिल को दिल से कहनी …
वो लोग जो कुछ रोज़ जवानी में मिलेंगे हर शाम वो फिर तेरी कहानी में …
एक वो इतने खूबरू तौबा उसपे छूने की आरज़ू तौबा ! हाथ काँपेंगे रूह मचलेगी …
यूँ ही तन्हाई में अब दिल को सजा देते है नाम लिखते है तेरा लिख …