दर्द की धूप ढले ग़म के ज़माने जाएँ
दर्द की धूप ढले ग़म के ज़माने जाएँ देखिए रूह से कब दाग़ पुराने जाएँ, …
दर्द की धूप ढले ग़म के ज़माने जाएँ देखिए रूह से कब दाग़ पुराने जाएँ, …
भूख़ चेहरों पे लिए चाँद से प्यारे बच्चे बेचते फिरते हैं गलियों में ग़ुबारे बच्चे, …
बे नियाज़ी के सिलसिले में हूँ मैं कहाँ अब तेरे नशे में हूँ, हिज्र तेरा …
देख लेते हैं अब उस बाम को आते जाते ये भी आज़ार चला जाएगा जाते …
कितना नादान है वो मेरे दिल ए हाल से ख़ुद का दिल दुखाता है ख़ुद …
गमों का लुत्फ़ उठाया है खुशी का जाम बाँधा है तलाश ए दर्द से मंज़िल …
सज़ा पे छोड़ दिया, कुछ जज़ा पे छोड़ दिया हर एक काम को अब मैंने …
उसको जाते हुए देखा था पुकारा था कहाँ रोकते किस तरह वो शख़्स हमारा था …
दर्द अब वो नहीं रहें जो ऐ दिल ए नादां पहले था खुले सर पर …
देखोगे हमें रोज़ मगर बात न होगी एक शहर में रह कर भी मुलाक़ात न …