जाने क्यूँ बर्बाद होना चाहता है

जाने क्यूँ बर्बाद होना

जाने क्यूँ बर्बाद होना चाहता है सूरत ए फ़रहाद होना चाहता है, ज़ेहन से आख़िर में अब थक

दिल के लूट जाने का इज़हार ज़रूरी तो नहीं

दिल के लूट जाने

दिल के लूट जाने का इज़हार ज़रूरी तो नहीं ये तमाशा सर ए बाज़ार ज़रूरी तो नहीं, मुझे

हमारे सब्र के दामन को तार तार न कर

हमारे सब्र के दामन

हमारे सब्र के दामन को तार तार न कर निगाह ए जोक तलब इतना बे क़रार न कर,

मेरी मुहब्बत मेरे जज़्बात सिर्फ़ तुम से हैं

मेरी मुहब्बत मेरे जज़्बात

मेरी मुहब्बत मेरे जज़्बात सिर्फ़ तुम से हैं मेरे हमदम मेरी क़ायनात सिर्फ तुम से हैं, गैर महरम

यारो किसी क़ातिल से कभी प्यार न माँगो

यारो किसी क़ातिल से

यारो किसी क़ातिल से कभी प्यार न माँगो अपने ही गले के लिए तलवार न माँगो, गिर जाओगे

मेरे जैसे बन जाओगे जब इश्क़ तुम्हें हो जाएगा

मेरे जैसे बन जाओगे

मेरे जैसे बन जाओगे जब इश्क़ तुम्हें हो जाएगा दीवारों से सर टकराओगे जब इश्क़ तुम्हें हो जाएगा,

वो इश्क़ जो हम से रूठ गया…

वो इश्क़ जो हम

वो इश्क़ जो हम से रूठ गया अब उस का हाल बताएँ क्या ? कोई मेहर नहीं कोई

एक हम दोनों को ये हालात नहीं कर सकते

एक हम दोनों को

एक हम दोनों को ये हालात नहीं कर सकते ख़ुद को वग्फ़ ए मुज़ाफ़ात नहीं कर सकते, तेरे

कभी ख़ामोश बैठोगे, कभी कुछ गुनगुनाओगे

कभी ख़ामोश बैठोगे कभी

कभी ख़ामोश बैठोगे, कभी कुछ गुनगुनाओगे कभी ख़ामोश बैठोगे, कभी कुछ गुनगुनाओगे मैं उतना ही याद आऊँगा मुझे

मेरा ख़ामोश रह कर भी उन्हें सब कुछ सुना देना

मेरा ख़ामोश रह कर

मेरा ख़ामोश रह कर भी उन्हें सब कुछ सुना देना मेरा ख़ामोश रह कर भी उन्हें सब कुछ