काँटो की चुभन पे फूलो का मज़ा भी…
काँटो की चुभन पे फूलो का मज़ा भी दिल दर्द के मौसम में रोया भी हँसा भी, आने …
काँटो की चुभन पे फूलो का मज़ा भी दिल दर्द के मौसम में रोया भी हँसा भी, आने …
कुछ भी हो वो अब दिल से जुदा हो नहीं सकते हम मुजरिम ए तौहीन ए वफ़ा हो …
तुम दूर हो तो प्यार का मौसम न आएगा अब के बरस बहार का मौसम न आएगा, चूमूँगा …
न मिली छाँव कहीं, यूँ तो कई शज़र मिले वीरान ही मिले सफ़र में जो भी शहर मिले, …
रौनक तुम्हारे दम से है लैल ओ नहार की तुम आबरू हो आमद ए फ़सल ए बाहर की, …
हर रिश्ता यहाँ बस चार दिन की कहानी है अंज़ाम ए वफ़ा का सिला आँखों से बहता पानी …
सुख़नवरी का बहाना बनाता रहता हूँ तेरा फ़साना तुझी को सुनाता रहता हूँ, मैं अपने आप से शर्मिंदा …
फ़लसफ़े इश्क़ में पेश आये सवालो की तरह हम परेशाँ ही रहे अपने ख्यालो की तरह, शीशागर बैठे …
आँसू हो, उदासी हो और ख़ामोश चीत्कार हो गज़ल कहनी हो तो पहले किसी से प्यार हो, कलम …
कभी लोग बदले कभी ठिकाना बदला कभी सनम कभी सनम खाना बदला, साक़ी न मिल सका फिर भी …