रहा हूँ दुश्मनों में ख़ुश हमेशा….
मुझे अपनों में उलझन ही रही हैरहा हूँ दुश्मनों में ख़ुश हमेशा, है इनकी इस …
मुझे अपनों में उलझन ही रही हैरहा हूँ दुश्मनों में ख़ुश हमेशा, है इनकी इस …
कब तक यूँ बहारों में, पतझड़ का चलन होगाकलियों की चिता होगी, फूलों का हवन …