ख़रीद कर जो परिंदे उड़ाए जाते हैं
हमारे शहर में कसरत से पाए जाते है,
मैं देख आया हूँ एक ऐसा कारखाना जहाँ
चिराग़ तोड़ के सूरज बनाए जाते हैं,
मैं इस लिए भी समन्दर से खौफ़ खाता हूँ
मुझे निसाब में दरिया पढ़ाये जाते हैं,
कहीं मिलेंगे तो फिर तुम भी जान जाओगे
हम ऐसे हैं नहीं जैसे कि बताये जाते हैं..!!