सहराओं से आने वाली हवाओं में रेत है
हिज़रत करूँगा गाँव से गाँवो में रेत है,
ऐ कैस तेरे दश्त को इतनी दुआएं दें
कुछ भी नहीं है मेरी दुआओं में रेत है,
सहराओं से हो के बाग़ में आया हूँ सैर को
हाथों में फूल है मेरे पांवो में रेत है,
मुद्दत से मेरी आँख में एक ख़्वाब है मुकीम
पानी में पेड़ पेड़ की छावों में रेत है,
मुझ सा कोई फ़कीर नहीं है कि जिसके पास
कशकोल रेत का है सदाओं में रेत है..!!