रोज़मर्रा वही सब ख़बर देख कर…

रोज़मर्रा वही सब ख़बर देख कर
अब तो पत्थर हुआ ये ज़िगर देखिए,

सड़के चलने लगी आदमी रुक गया
हो गया यूँ अपाहिज़ सफ़र देखिए,

सारा आकाश अब इनके सीने में है
काट कर इन परिंदों के पर देखिए,

मैं हकीक़त न कह दूँ कही आप से
रात दिन मुझको खाता ये डर देखिए,

धूप आती है न इनमे अब ठंडी हवा
खिड़कियाँ हो गई यूँ बेअसर देखिए..!!

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