क़िस्मत का लिखा मिटा नहीं सकते…

क़िस्मत का लिखा मिटा नहीं सकते
अनहोनी को होनी बना नहीं सकते,

ज़माने में हस्ब ए आरज़ू किसी को
चाह तो सकते है मगर पा नहीं सकते,

जो रखते है दिल के दरीचों को बंद
वो ख़ुद किसी दिल में समा नहीं सकते,

चाहे जितनी शिद्दत से तराश ले कोई
किसी पत्थर को हीरा बना नहीं सकते,

हकीक़त ये भी है कि इश्क़ और सुकूं
कभी दिल में एक साथ समा नहीं सकते..!!

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