वो नवाज़िशे वो इनायते
वो बिला वजह की शिकायतें
कभी रूठना कभी मनाना
वो बिखरी सिमटी ख्वाहिशे,
वो झुकाव सा वो खिंचाव सा
वो आना बीच तनाव सा,
तेरे साथ गुजरें जो साअतें
समाअतो के ख़ाली सहन में,
कर रही है सर गोशियाँ
मुहब्बतें भी कमाल होती है..!!
वो नवाज़िशे वो इनायते
वो बिला वजह की शिकायतें
कभी रूठना कभी मनाना
वो बिखरी सिमटी ख्वाहिशे,
वो झुकाव सा वो खिंचाव सा
वो आना बीच तनाव सा,
तेरे साथ गुजरें जो साअतें
समाअतो के ख़ाली सहन में,
कर रही है सर गोशियाँ
मुहब्बतें भी कमाल होती है..!!