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जो पत्थरो में जुबां ढूँढे हम वो चीज है दोस्त…

jo pattharo me zuban dhoondhe ham wo chij hai dost

जो पत्थरो में जुबां ढूँढे हम वो चीज है दोस्त है मर्ज़ ख़्वाब सजाना तो हम मरीज़ है …

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दोस्तों से रसाई सोचेंगे सबसे हो आशनाई सोचेंगे…

dosto se rasaai sochenge

दोस्तों से रसाई सोचेंगे सबसे हो आशनाई सोचेंगे, सोचती चाहे जो रहे दुनियाँ हम तो सबकी भलाई सोचेंगे, …

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तेरे में अब तो रही बात वो नहीं है दोस्त…

tere me to rahi ab wo baat nahi

तेरे में अब तो रही बात वो नहीं है दोस्त हुई ये अपनी मुलाक़ात वो नहीं है दोस्त, …

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हिज़्र ए गम क़ुर्ब में तन्हाई रुलाती होगी…

hizr e gam qurb me tanhaai

हिज़्र ए गम क़ुर्ब में तन्हाई रुलाती होगी याद मेरी भी उसे फिर तो सताती होगी, ऐ हवा …

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किसी की आह सुनते ही जो फ़ौरन काँप जाते है…

kisi ki aah sunte hi jo fauran

किसी की आह सुनते ही जो फ़ौरन काँप जाते है वही इंसानियत के दर्द में आँसू बहाते है, …

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नफ़रत को छोड़ द तू मुहब्बत की बात कर…

nafrat ko chhod de tu muhabbat ki baat kar

नफ़रत को छोड़ द तू मुहब्बत की बात कर इत्तिहाद ओ अमन ओ शराफ़त की बात कर, मत …

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अपनी मर्ज़ी से कहाँ अपने सफ़र के हम हैं…

apni marji se kahan apne safar ke

अपनी मर्ज़ी से कहाँ अपने सफ़र के हम हैं रुख़ हवाओं का जिधर का है उधर के हम …

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कहानियों ने ज़रा खींच कर बदन अपने…

gadar ke fool sajati hai aise balo me

कहानियों ने ज़रा खींच कर बदन अपने हरम सरा से बुलाया हमें वतन अपने, खुले गले की क़मीसें …

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अदा है ख़्वाब है तस्कीन है तमाशा है…

Bazmeshayari_512X512

अदा है ख़्वाब है तस्कीन है तमाशा है हमारी आँख में एक शख़्स बेतहाशा है, ज़रा सी चाय …

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तुम्हे न फिर से सताएँगे हम, ख़ुदा हाफिज़…

tumhe fir na satayenge ham khuda hafiz

तुम्हे न फिर से सताएँगे हम, ख़ुदा हाफिज़ कि अब न लौट के आएँगे हम, ख़ुदा हाफिज़, रखेंगे …

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एक सूरज था कि

एक सूरज था कि तारों के घराने से उठा

जुस्तुजू खोए हुओं की

जुस्तुजू खोए हुओं की उम्र भर करते रहे

वो जो दिल में तेरा मुक़ाम है

वो जो दिल में तेरा मुक़ाम है

दिल की दुनिया में

दिल की दुनिया में दुनिया न आये कभी

लिबास तन से उतार

लिबास तन से उतार देना, किसी को बांहों के हार देना

मुक़म्मल दो ही दानों

मुक़म्मल दो ही दानों पर ये तस्बीह ए मुहब्बत है

तुझे पुकारा है बे

तुझे पुकारा है बे इरादा

फिर हरीफ़ ए बहार

फिर हरीफ़ ए बहार हो बैठे

हर सम्त परेशाँ तिरी

हर सम्त परेशाँ तिरी आमद के क़रीने

सोच बदल जाती है

सोच बदल जाती है,हालात बदल जाते हैं

उजड़े हुए हड़प्पा के

उजड़े हुए हड़प्पा के आसार की तरह

निगाह ए यार के

निगाह ए यार के बदलने में कुछ देर नहीं लगती

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एक सूरज था कि

एक सूरज था कि तारों के घराने से उठा

जुस्तुजू खोए हुओं की

जुस्तुजू खोए हुओं की उम्र भर करते रहे

वो जो दिल में तेरा मुक़ाम है

वो जो दिल में तेरा मुक़ाम है