कुछ लफ्ज़ अगर मुझे मिल जाएँ
मैं उनमे तुझे तहरीर करूँ,
अपनी ज़ात के रंग तुझमे भर कर
तुझे फिर से मैं तहरीर करूँ,
तू पलकों पर जो ख़्वाब बने
मैं उन सबकी ताबीर करूँ,
तेरे दिल में अपनी धड़कन रख कर
तेरी रूह को अपनी जागीर करूँ..!!
कुछ लफ्ज़ अगर मुझे मिल जाएँ
मैं उनमे तुझे तहरीर करूँ,
अपनी ज़ात के रंग तुझमे भर कर
तुझे फिर से मैं तहरीर करूँ,
तू पलकों पर जो ख़्वाब बने
मैं उन सबकी ताबीर करूँ,
तेरे दिल में अपनी धड़कन रख कर
तेरी रूह को अपनी जागीर करूँ..!!