जो मिला उससे गुज़ारा न हुआ… जो मिला उससे गुज़ारा न हुआजो हमारा था, वो हमारा न हुआ, हम किसी और से मंसूब हुएक्या ये नुक़सान तुम्हारा न हुआ, बे तक़ल्लुफ़ भी वो हो सकते थेमगर हमसे कोई इशारा न हुआ, दोनों ही एक दूसरे पर मरते रहेकोई भी अल्लाह को प्यारा न हुआ..!!ShareClick to share on Facebook (Opens in new window)Click to share on WhatsApp (Opens in new window)Click to share on Telegram (Opens in new window)Click to share on X (Opens in new window)Like this:Like Loading...