इसी दुनिया के इसी दौर के हैं

इसी दुनिया के इसी दौर के हैं
हम तो दिल्ली में भी बिजनौर के हैं,

आप इनआम किसी और को दें
हम नमक ख़्वार किसी और के हैं,

सरसरी तौर से मत लो हम को
हम ज़रा फ़िक्र ज़रा ग़ौर के हैं,

कुछ तरीक़े भी पुराने हैं मेरे
कुछ मसाइल भी नए दौर के हैं,

कोई उम्मीद न रखना हम से
अब तो हम यूँ भी किसी और के हैं..!!

~शकील जमाली

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