फ़तह की सुन के ख़बर, प्यार जताने आए
रूठे हुए थे हमसे यार रिश्तेदार मनाने आए,
अच्छे दिन आए तो मैंने गज़ब तमाशा देखा
मेरे दुश्मन भी मुझको गले लगाने आए,
आज वो मेरे दुश्मन का पता पूछ रहे थे
जैसे मुझसे ना मिलने वो, मिलने के बहाने आए,
फूल ही फूल खिले जिन दोस्तों की बदौलत
दुआ है उनके हिस्से में नेमतो के खज़ाने आए,
रो दिए वो भी, मुझे धोखा देने के बाद
याद जब उनको मेरी वफ़ाओ के फ़साने आए..!!