फ़ासले क़ुर्ब की पहचान हुआ करते है…

फ़ासले क़ुर्ब की पहचान हुआ करते है
बेसबब लोग परेशान हुआ करते है,

ये हकीक़त है जहाँ टूट के चाहा जाए
वहाँ बिछड़ने के भी इमकान हुआ करते है,

मेरे फैले हुए हाथो को हिक़ारत से न देख
माँगने वाले भी इन्सान हुआ करते है,

हम बेसब्र थे मगर हमसे बिछड़ने वाले
हम तेरे ज़ब्त पर हैरान हुआ करते है,

गम की शिद्दत से कोहेसार पिघलते देखे
इन्सान तो फिर इन्सान हुआ करते है,

ज़िन्दगी जिनके लिए ज़ुर्म ओ सज़ा हो
घर भी उनके लिए ज़िन्दान हुआ करते है..!!

Leave a Reply

error: Content is protected !!