दुनियाँ जिसे कहते है जादू का खिलौना है…

दुनियाँ जिसे कहते है जादू का खिलौना है
मिल जाए तो मिट्टी है खो जाए तो सोना है,

अच्छा सा कोई मौसम तन्हा सा कोई आलम
हर वक़्त आये रोना तो बेकार का रोना है,

बरसात का बादल तो दीवाना है क्या जाने ?
किस राह से बचना है किस छत को भिगोना है,

गम हो कि ख़ुशी दोनों कुछ देर के साथी है
फिर रास्ता ही रास्ता है हँसना है, रोना है..!!

~निदा फाज़ली

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