दिल में औरों के लिए कीना ओ कद रखते हैं

दिल में औरों के लिए कीना ओ कद रखते हैं
वही लोग इख़्लास के पर्दे में हसद रखते हैं,

आप से हाथ मिलाते हुए डर लगता है
आप तो प्यार के रिश्तों में भी हद रखते हैं,

ये ज़रूरी नहीं दिल उनके हों हक़ से मामूर
वो जो चेहरों पे इबादत की सनद रखते हैं,

क्या पता कब किसी रिश्ते का भरोसा टूटे
ऐसे लोगों से न मिलिए जो हसद रखते हैं,

दफ़्न हो जाए न एहसास ए मोहब्बत दिल में
अब कहाँ दिल का ख़याल अहल ए ख़िरद रखते हैं,

कौन होता है मुसीबत में किसी का सलीम
हम अबस आप से उम्मीद ए मदद रखते हैं..!!

~सलीम शुजाअ अंसारी

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