दुश्मन मेरी ख़ुशियों का ज़माना ही नहीं था…
दुश्मन मेरी ख़ुशियों का ज़माना ही नहीं था तुमने भी कभी अपना तो जाना ही नहीं था, क्या …
दुश्मन मेरी ख़ुशियों का ज़माना ही नहीं था तुमने भी कभी अपना तो जाना ही नहीं था, क्या …
ज़ख्म ए तन्हाई में ख़ुशबू ए हिना किसकी थी साया दीवार पे मेरा था, सदा किसकी थी ? …
ना जाने कैसी तक़दीर पाई है जो आया आज़मा के चला गया, कल तक गले लगाने वाला भी …
कभी राहो में मिली होगी तू तुझे मैंने कभी देखा तो होगा, हर दिल कुछ कहता है इस …
सफ़र है धूप का इसमें क़याम थोड़ी है बला है इश्क़ ये बच्चों का काम थोड़ी है, किसी …
तनाव में जब आ जाए तो धागे टूट जाते है ज़रा सी बात पर पुराने रिश्ते टूट जाते …
अंधेरा ज़ेहन का सम्त ए सफ़र जब खोने लगता है किसी का ध्यान आता है उजाला होने लगता …
दुनियाँ जिसे कहते है जादू का खिलौना है मिल जाए तो मिट्टी है खो जाए तो सोना है, …
कोई दर्द कोई ख़ुशी कोई अरमान अब नहीं ज़िस्म तो है मगर जान अब नहीं, जिस कदर था …
ज़िन्दगी यूँ हुई बसर तन्हा काफ़िला साथ और सफ़र तन्हा, अपने साये से चौक जाते है उम्र गुज़री …