उसकी चाह में नाम नहीं आने वाला…
उसकी चाह में नाम नहीं आने वाला अब मेरा अंजाम नहीं आने वाला, हुस्न से काम पड़ा है …
उसकी चाह में नाम नहीं आने वाला अब मेरा अंजाम नहीं आने वाला, हुस्न से काम पड़ा है …
ज़िन्दगी से एक दिन मौसम खफ़ा हो जाएँगे रंग ए गुल और बू ए गुल दोनों हवा हो …
कभी बहार का मौसम नया दिखाई दे गुलाब बातें करें और सबा दिखाई दे, शब ए जुनूँ है …
मरीज़ ए इश्क़ का मर्ज़ वो बुखार बताते हैं शख़्स एक है पर क़ातिल बेशुमार बताते हैं, नशा …
ज़िंदगी दर्द की कहानी है चश्म ए अंजुम में भी तो पानी है, बेनियाज़ाना सुन लिया ग़म ए …
अचानक दिलरुबा मौसम का दिल आज़ार हो जाना दुआ आसाँ नहीं रहना सुख़न दुश्वार हो जाना, तुम्हें देखें …
अभी कुछ और करिश्मे ग़ज़ल के देखते हैं ‘फ़राज़’ अब ज़रा लहजा बदल के देखते हैं, जुदाइयाँ तो …
कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता कहीं ज़मीन कहीं आसमाँ नहीं मिलता, तमाम शहर में ऐसा नहीं …
ज़रा सी देर थी बस एक दिया जलाना था और इसके बाद फ़क़त आँधियों को आना था, मैं …
डूब कर भी न पड़ा फ़र्क़ गिराँ जानी में मैं हूँ पत्थर की तरह बहते हुए पानी में, …