ज़िन्दा है जब तक मुझे बस गुनगुनाने है
ज़िन्दा है जब तक मुझे बस गुनगुनाने है क्यूँकि गीत तेरे नाम के बड़े ही …
ज़िन्दा है जब तक मुझे बस गुनगुनाने है क्यूँकि गीत तेरे नाम के बड़े ही …
कितना बुलंद मर्तबा पाया हुसैन ने राह ए ख़ुदा में घर को लुटाया हुसैन ने, …
ख़्वाबो को मेरे प्यार की ताबीर बख्श दे दिल को मेरे इश्क़ की ज़ागीर बख्श …
सच बोलने के तौर तरीक़े नहीं रहे पत्थर बहुत हैं शहर में शीशे नहीं रहे, …
मेरे ख़ुदा मुझे वो ताब ए नय नवाई दे मैं चुप रहूँ भी तो नग़्मा …
हर शख्स को अल्लाह की रहमत नहीं मिलती हाँ रिज्क तो मिल जाता है बरक़त …
पा सके न सुकूं जो जीते जी वो मर के कहाँ पाएँगे शहर के बेचैन …
किस सिम्त चल पड़ी है खुदाई ऐ मेरे ख़ुदा नफ़रत ही दे रही है दिखाई …
बहुत कुछ मेहनतों से एक ज़रा इज़्ज़त कमाई है अंधेरे झोंपड़े में रौशनी जुगनू से …
बेकार जब दुआ है दवा क्या करेगी आज ऐसे में ज़िंदगी भी वफ़ा क्या करेगी …