वो जानता ही नहीं है कि मुफ़्लिसी क्या है ?

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वो जानता ही नहीं है कि मुफ़्लिसी क्या है ?गुज़र रही है जो मुश्किल से ज़िन्दगी क्या है

तू मेरी रूह का हिस्सा है, तू ही जान मेरी

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जब भी सोचा कभी अपना तो हमारा सोचा क्या मिला और हुआ कितना ख़सारा सोचा ?बाद मुद्दत के

तुझे भूलने की दुआ करूँ

Bazme_Shikayat

तुझे इस क़दर है शिकायतेंकभी सुन ले मेरी हिकायते, तुझे गर न कोई मलाल होमैं भी एक तुझसे

ख़रीद कर जो परिंदे उड़ाए जाते है

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ख़रीद कर जो परिंदे उड़ाए जाते हैंहमारे शहर में कसरत से पाए जाते है, मैं देख आया हूँ

ये इत्तेफ़ाक थोड़ी है

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मिल के तुमको छोड़ दे कोई मज़ाक थोड़ी है हम दोनों जो मिले हैये इत्तेफ़ाक थोड़ी है, मिल

परिंदा समझ कर शिकार कर गई

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वो माहिर थी फन ए अय्यारी मेंअपने इश्क़ में मुझे बीमार कर गई, अनाड़ी सी शख्सियत थी अपनीवो

बहाना गरीबो को अधिकार दिलाना रहेगा

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मौसम ए सर्दी में बारिश ए ख़ास चल रहा है हमारी गलियों में मेढको का आना जाना रहेगा,

अमीर ए मुल्क के नसीब है उरूज़ पे

अमीर ए मुल्क के

अमीर ए मुल्क के नसीब है उरूज़ पे हम गरीबो के हिस्से ज़वाल आ रहे है, मुल्क में