मिल के तुमको छोड़ दे कोई मज़ाक थोड़ी है
हम दोनों जो मिले है
ये इत्तेफ़ाक थोड़ी है,
मिल के तुमको छोड़ दे
कोई मज़ाक थोड़ी है,
अगर होती मुहब्बत
एक हद तक तो छोड़ भी देते,
पर हमारी तुमसे मुहब्बत
का कोई हिसाब थोड़ी है,
पढ़ कर इसे तुम ढूँढोगे
मेरी इस गज़ल का जवाब,
ये मेरे दिल की आवाज़ है
सफहा ए क़िताब थोड़ी है..!!
लाजवाब.. 👌🏻👌🏻