इख़्तियार ए संजीदगी
अक्सर जवानी उजाड़ देती है

इख़्तियार ए संजीदगी
अक्सर जवानी उजाड़ देती है

रवानी ए ज़िन्दगी को
वहशत उजाड़ देती है,

एक छोटी सी गलती भी
बनी कहानी बिगाड़ देती है,

कम उम्रो में ज़िम्मेदारी
बचपन बिगाड़ देती है,

इख़्तियार ए संजीदगी
अक्सर जवानी उजाड़ देती है..!!

Leave a Reply

error: Content is protected !!