सौ बार चमन महका सौ बार बहार आई

सौ बार चमन महका सौ बार बहार आई
दुनिया की वही रौनक़ दिल की वही तन्हाई,

एक लहज़ा बहे आँसू एक लहज़ा हँसी आई
सीखे हैं नए दिल ने अंदाज़ ए शकेबाई,

इस मौसम ए गुल ही से बहके नहीं दीवाने
साथ अब्र ए बहाराँ के वो ज़ुल्फ़ भी लहराई,

हर दर्द ए मोहब्बत से उलझा है ग़म ए हस्ती
क्या क्या हमें याद आया जब याद तेरी आई,

चरके वो दिए दिल को महरूमी ए क़िस्मत ने
अब हिज्र भी तन्हाई और वस्ल भी तन्हाई,

देखे हैं बहुत हम ने हंगामे मोहब्बत के
आग़ाज़ भी रुस्वाई अंजाम भी रुस्वाई,

ये बज़्म ए मोहब्बत है इस बज़्म ए मोहब्बत में
दीवाने भी शैदाई फ़रज़ाने भी शैदाई..!!

~सूफी तबस्सुम

Leave a Reply

Eid Special Dresses for women