हम से आँखें मिलाइए तो कहें

हम से आँखें मिलाइए तो कहें
अपना जल्वा दिखाइए तो कहें,

रस्म ही है अगर तो फिर रस्मन
रस्म ए उल्फ़त निबाहिइए तो कहें,

क्या कहें आप हैं पस ए पर्दा
सर ए पर्दा जो आइए तो कहें,

दिल है क़ुर्बान पर्दा पोशी पर
रुख़ से पर्दा उठाइए तो कहें,

दिल में अकबर है जाने क्या क्या कुछ
बे हिजाबाना आइए तो कहें..!!

~अकबर अज़ीमाबादी

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