जब से वो मुझे भुलाये जा रही है
कोई बला मेरा दिल खाए जा रही है,
एक उम्र गुजारी है जिसके साये में
कैसे गुज़रेगी अब वो हाय जा रही है,
उसे अपने दुःख सुनाने आया था मगर
वो है कि अपने दुःख सुनाये जा रही है,
मैं अचानक जवान से बूढ़ा हो रहा हूँ
मोहब्बत मुझे क्या रोग लगाए जा रही है,
रोज़ ही कोशिश करता हूँ मुस्कुराने की
ज़िन्दगी मेरी रोज़ मुँह बनाये जा रही है..!!